औलाद की चाह में कर डाली पड़ोसी की मासूम बेटी की हत्या, निसंतान दंपती ने बच्ची का लिवर खाया था!

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में दिवाली की रात हुई छह साल की बच्ची की हत्या मामले में पुलिस ने दिल को दहला देने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने मामले में दंपती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बच्ची की हत्या काले जादू व तंत्र-मंत्र के चक्कर में हुई थी। दंपती की कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने भतीजे से बच्ची की हत्या कराई। इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड पीड़ित परिवार का पड़ोसी है, जिसने औलाद की चाह में मासूम बच्ची की बलि दिलवा दी। इस काम के लिए उसने अपने भतीजों को पैसे भी दिए थे।

इससे पहले पुलिस ने बताया थाकि दो युवकों ने रेप के प्रयास में बच्ची की हत्या की लेकिन बच्ची के परिजनों का दावा था कि बच्ची की बलि दी गई है। जिसके बाद पुलिस ने अपनी थ्योरी पर थोड़ा और काम किया तो पता चला कि बच्ची की हत्या दो युवकों ने ही की थी, उससे रेप का प्रयास भी किया गया था, लेकिन घटना का मास्टरमाइंड कोई और ही था।डीआईजी प्रतिविंदर सिंह ने अंकुर कुरील और वीरेंद्र कुरील नाम के दो युवकों की फोटो जारी करके दावा किया कि बच्ची की हत्या इन दोनों ने ही की है। ये उसको चिप्स दिलाने के बहाने ले गए थे। शराब के नशे में धुत दोनों लड़कों ने पहले बच्ची से रेप करने का प्रयास किया और फिर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।

7 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी का सारी हदें पार कर दी गईं। उसकी हत्या के तुरंत बाद अंकुर और वीरेंद्र ने चाकू से उसका लिवर निकाला और फिर परशुराम को दिया। जिसे पति-पत्नी ने खाया। पुलिस के मुताबिक  परशुराम को किसी तांत्रिक ने ऐसा करने के लिए कहा था और बताया था कि इससे उसके घर में बच्चे की किलकारी गूंजेगी। पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।


बच्ची का शव घाटमपुर इलाके में काली मंदिर के पास मिला था। शरीर पर कपड़े नही थे और उसके कुछ अंग गायब थे। बच्ची की चप्पलें भी पास ही में थीं। परिवार ने शव देखने के बाद ही कहा था कि बच्ची की बलि दी गई है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मामले में संज्ञान लिया था। जिसके बाद से पूरे कानपुर प्रशासन में हड़कंप मच गया। रविवार की रात को ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बच्ची के घर पहुंचकर उनको मुआवजा देने की जानकारी दी। सीएम ने परिजनों को 5 लाख की सहायता का ऐलान किया था।