गाड़ियों की नंबर प्लेट को लेकर आये नये नियम, UP, MP, BR, DL का झंझट हो सकता है कम, ल्द ही लागू होगी BH सीरीज!

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दोस्तों अक्सर गाड़ियों के नंबर प्लेट से वह किस राज्य के हैं इसकी जानकारी हो जाती है। हर राज्य के अपने कोड हैं। उत्तर प्रदेश का UP, दिल्ली का DL, मध्य प्रदेश का MP। लेकिन, जल्द ही आपको सड़कों पर एक खास सीरीज की गाड़ी का नंबर दिखेगा, जिससे आप ये भी नहीं पता कर सकते हैं कि गाड़ी किस राज्य की है। वही स्टेट से दूसरे स्टेट में सामान ले जाने के साथ ही साथ आपके पास गाड़ी है तो उसको लेकर अलग टेंशन। आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाना और फिर दोबारा से उस स्टेट में रजिस्ट्रेशन कराने की टेंशन। सरकार के एक नए फैसले के बाद आपकी यह टेंशन दूर होने वाली है। यदि आपके पास भारत सीरीज यानी BH नंबर की गाड़ी है। इस सीरीज के नंबर वाली गाड़ी के ट्रांसफर की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस सीरीज का नंबर प्लेट भी थोड़ा अलग होगा आइए जानते क्या है।

इस सीरीज की शुरुआत BH से होगी। खास बात है कि इस सीरीज की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन दूसरे स्टेट में कराने की जरूरत ही नहीं होगी। ये पूरे देश में मान्य होगा। कई लोगों की नौकरी ट्रांसफर होती रहती है। एक राज्य से दूसरे राज्य. ऐसे में कई बार उन्हें गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर ट्रांसफर कराना पड़ता है लेकिन, BH सीरीज की गाड़ी के लिए किसी दूसरे राज्य में भी जाने पर ट्रांसफर नहीं कराना होगा।

बता दें कि वर्तमान के नियम कहते हैं एक शख्स दूसरे राज्य की गाड़ी को अधिकतम 12 महीने तक रख सकता है। इसके बाद भी अगर वह गाड़ी को उस राज्य में रख रहा है तो उसे गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराना होगा।सड़क परिवहन मंत्रालय ने रक्षा कर्मियों, केंद्र र राज्य के सरकारों के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्री की कंपनियों और संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए इस नई सीरीज की शुरुआत की है। जिनके दफ्तर चार या उससे ज्यादा राज्यों में हैं, वे इसे अप्लाई कर सकते हैं।

यह नंबर प्लेट काले  और सफेद रंग का होगा। मतलब सफेद बैकग्राउंड पर काले रंग में नंबर दर्ज होगा। शुरुआत BH से होगा. इसके बाद रजिस्ट्रेशन के साल का अंतिम दो डिजिट और फिर आगे नंबर होगा। इस नंबर के लिए दो साल या दो के मल्टिप्लाई में रोड टैक्स देना होगा. पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। आरटीओ के पास जाने की जरूरत ही नहीं है। 10 लाख की लागत वाले वाहनों कोो 8%, 10 से 20 लाख रु. तक की लागत वाले वाहनों के लिए 10% और 20 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले वाहनों के लिए 12% रोड टैक्स देना होगा ।