रातों रात ये मछुवारे बन गए करोड़पति,पकड़ने गए थे मछली मिल गया खजाना!

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दोस्तों कब किसकी किस्मत चमक जाये कहा नहीं जा सकता है, आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने वाले है जिसमे ऐ मछुआरा देखते ही देखते करोडपति बन गया। ये घटना यमन की समुद्री तट की है। यमन में लोग समुद्र में से मछली पकड कर अपना जीवन गुजारते है। रोज की तरह इस दिन भी यमन के रहने वाले मछुआरे फारेस अब्दुलहकीम और उसके दोस्त समुद्र से मछली पकड़ने गए थे लेकिन उन्हें इस बात का जरा भी इल्म नही था की उन्हें कोई ऐसी चीज़ मिलेगी जो उन्हें रातोरात करोडपति बना देगी।

मछवारा अब्दुलहकीम बताते है कि उस दिन समुद्र इलाके में जब थे तब अदन के दक्षिणी शहर के तट से लगभग 26 किलोमीटर दूर उनकी निगाह एक मरी हुई व्हेल मछली पर गई। जब उन्होंने देखा तब व्हेल मछली मृत हालत में समुद्र पर तैर रही थी । वहाँ मौजूद मछवारों ने उस व्हेल को किनारे पर ले गए और उसका पेट चीरने लगे। उसके पेट के अंदर उन्हें तैरता हुआ सोना यानि एम्बरग्रीस मिला। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ एम्बरग्रीस व्हेल के पाचन तंत्र में बनने वाला एक दुर्लभ पदार्थ होता है। साथ साथ इसका उपयोग इत्र बनाने में होता हैं।

वहाँ मौजूद मछुआरों ने जब व्हेल को समुद्र तट पर लाकर उसका पेट कटा तो उन्हें 127 किलो की दुर्लभ ‘वॉमिट गोल्ड’ मिली। इसकी कीमत लगभग 11 करोड़ रुपए की बताई जा रही हैं। यमन दुनिया की सबसे गरीब देशों में से एक है वहाँ के रहने वाले इन लोगों के लिए ये रकम काफी ज्यादा हैं। इन लोगों द्वारा इस रकम को हासिल करने के बाद इसका कुछ हिस्सा समुदाय में जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए दान कर दिया गया, जबकि बाकी मछुआरों के समूह में बांट दिया गया।

अब्दुलहकीम बताते हैं कि वह एक मछुआरे है और उनका काम मछली पकड़ना ही है। वह अपने काम के लिए रोज सुबह समुद्र जाते थे। वह दिन भी हमारे लिए दूसरे दिनों की तरह सामान्य थी मगर उस दिन हमें किस्मत से मरी व्हेल मिली। उसके पेट पर पूरी तरह से एम्बरग्रीस भरी हुई थी। हमारी जिंदगी की इस एक पल ने हमारी पूरी किस्मत ही पलट दी। इसको बेच जो भी पैसें हमें मिले उससे कुछ मछुआरों ने नई नावें खरीदीं तो कुछ ने अपने नए घर बना लिए। मैंने भी इसको बेचकर मिले पैसे से अपना नया घर बनाया हैं। समूह में शामिल मछुआरों ने भगवान को शुक्रिया कहा उनका जीवन में इस पल के लिए। बता दूँ इस व्हेल की उल्टी का इस्तमाल परफ्यूम इंडस्ट्री में बहुत होता है। व्हेल के उल्टी के अंदर बिना गंध का ऐल्कोहॉल पाया जाता है जिसका इस्तेमाल परफ्यूम की गंध को लंबे वक्त तक बरकरार रखने में होता है। इस कीमती व्हेल की उल्टी यानि एम्बरग्रीस को वैज्ञानिक द्वारा तैरता हुआ सुना भी कहा जाता हैं।

बता दूँ इस घटना से पहले एक बार नारिस नाम के एक मछुआरे 100 किलो का एम्बरग्रीस का एक टुकड़ा मिला था जिसकी कीमत लगभग 25 करोड़ रुपए की थी। आपको बता दूँ अभी तक ये पाए गए एम्बरग्रीस में सबसे बड़ा टुकड़ा था।अगर हम वैज्ञानिकों की माने तो उनके अनुसार व्हेल मछली की उल्टी से निर्मित ये विशेष पत्थर एक प्रकार का अपशिष्ट होता है। समुद्र की व्हेल इसे जब अच्छी तरह से पचा नहीं पाती है और तब वो उल्टी कर उसे अपने मुँह से बाहर कर देती हैं। वैज्ञानिक भाषा में इसे कहा गया हैं। ये काले रंग या फिर भूरे रंग का होता हैं। ऐसी इसकी वजन की बात करे तो 15 ग्राम से 50 किलोग्राम तक होता है।एम्बरग्रीस मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ होता है।