भांजे कृष्णा अभिषेक संग अनबन पर गोविंदा ने तोड़ी चुप्पी, बोले- कई बार सुन चुका हूं…

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गोविंदा और उनके भांजे कृष्णा अभिषेक के बीच दूरियां कम नहीं हो रही हैं। दोनों के बीच की तनातनी ने लोगों का उस वक्त फिर से ध्यान खींचा। जब कपिल शर्मा के शो का गोविंदा हिस्सा बनें लेकिन कृष्णा अभिषेक ने इस एपिसोड में परफॉर्म नहीं किया। कृष्ण ने कहा कि उनकी दुश्मनी ने उन्हें बुरी तरह प्रभावित किया था। अब, गोविंदा ने आखिरकार भांजे कृष्णा संग तनातनी पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।

गोविंदा ने कहा कि वह फैमिली मुद्दों के बारे में पब्लिक में बात नहीं करना चाहते, लेकिन कृष्णा के कमेंट ने उन्हें दुखी किया है। गोविंदा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने कई रिपोर्ट पढ़ी कि कृष्णा ने शो में परफॉर्म नहीं किया, क्योंकि शो का गेस्ट मैं था। उसने हमारे रिश्ते पर भी बात की। उनके स्टेटमेंट्स में कई नाम खराब करने वाले और बेकार की बातें कही गई थीं।’

बच्चों से नहीं मिलने देना चाहती थीं कश्मीरा- गोविंदा

कृष्णा ने कहा था कि गोविंदा उनके बेटों से मिलने भी नहीं आए थे, जो हॉस्पिटल में जिंदगी के लिए जूझ रहे थे। कृष्णा के दावों को खारिज करते हुए गोविंदा ने कहा, ‘मैं अपने परिवार के साथ अस्पताल में बच्चों को देखने गया था। वहां मैं बच्चों की देखभाल करने वाले डॉक्टर और नर्स से भी मिला था। लेकिन, नर्स ने मुझे बताया कि कश्मीरा शाह (कृष्ण की पत्नी) नहीं चाहती थी कि मेरी फैमिली का कोई भी सदस्य उनसे मिले। जब हमने निवेदन किया तो हमें बच्चों को दूर से देखने की अनुमति दी गई और हम भारी मन से घर लौट आए थे।’

गोविंदा का मानना है कि कृष्णा को इस घटना की जानकारी नहीं है। गोविंदा ने आगे कहा कि कृष्णा उसके बाद बहन आरती सिंह के साथ उनके घर भी आए थे। लेकिन यह बात वह इंटरव्यू में बताना भूल गए हैं। गोविंदा ने कृष्णा ने व्यवहार पर निराशा जाहिर की। गोविंदा ने कहा, ‘कृष्णा और कश्मीरा की तरफ से मीडिया में मुझे बदनाम करने वाले बयान दे रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इन सब चीजों से उन्हें क्या हासिल हो रहा है।’

कृष्णा से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं गोविंदा

गोविंदा ने कहा कि अब वह कृष्णा और उनके परिवार से मर्यादित दूरी बनाकर रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हर परिवार में गलतफहमियां होती हैं लेकिन मीडिया में इन बातों को डिस्कस करने से इमेज खराब होती है। गोविंदा ने कहा, ‘मेरी मां हमेशा कहती थीं कि नेकी कर और दरिया में डाल। यही बात मेरे साथ हो रही है।’