महिला ने डॉल्फिन के साथ बनाए शारीरिक संबंध, ‘ब्रेकअप’ होते ही दे दी जान!

0
387

दोस्तों साल 2015 में दुनिया के सबसे बुद्धिमान जीवों की लिस्ट जारी की गई, जिसमें डॉल्फिन 5वें नंबर पर रही। खास बात तो ये है कि एक सामान्य डॉल्फिन अपने साथी के साथ हुए संवाद को 20 सालों तक याद रख सकती है। इन सब विषयों पर ज्यादा अध्ययन के लिए 1960 के आसपास नासा ने एक रिसर्च शुरू की, लेकिन उस दौरान जो हुआ उसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान रह गए। शोध का हिस्सा रहीं मार्गरेट होवे लोवेट ने बीबीसी को बताया कि वो नासा की ओर से फंडेड प्रोजेक्ट का हिस्सा थीं, जिसमें डॉल्फिन के साथ संवाद करना था। तब वो जवान हुआ करती थीं। उस दौरान उन्होंने एक शरारती डॉल्फिन के साथ यौन संबंध बनाए। वो हमेशा उनके करीब रहती थी, लेकिन जब वो प्रोजेक्ट से दूर चली गईं, तो उसने निराश होकर आत्महत्या कर ली।

मार्गरेट के मुताबिक ये बात सबको पता थी कि डॉल्फिन के पास दिमाग है, जो इंसानों जितना बड़ा है। ऐसे में उनके बात करने के तरीकों और स्वभाव पर ज्यादा जानकारी हासिल करनी थी, ताकि अलौकिक लोगों से संवाद करने की तकनीकि विकसित हो सके। इसके लिए तीन डॉल्फिन को चुना गया, जिनके नाम पीटर, पामेला और सिसी थे। जिन्हें प्रोजेक्ट डायरेक्टर ग्रेगरी बेटसन के साथ सेंट थॉमस के कैरिबियाई द्वीप पर रखा गया था।

मार्गरेट के मुताबिक सिसी उनमें सबसे बड़ी थी, जबकि पामेला बहुत ज्यादा शर्मीली। उसमें से पीटर ही सबसे युवा था, जो कम उम्र की वजह से थोड़ा शरारती था। कुछ दिनों बाद मार्गरेट ने देखा कि पीटर और उनके बीच अनोखा संबंध स्थापित हो गया। जब भी वो किसी दूसरे डॉल्फिन के साथ वक्त बितातीं, तो पीटर को जलन होती। कुछ ही दिनों में पीटर दोनों अन्य डॉल्फिन्स से ज्यादा तेज हो गया। वो अंग्रेजी के शब्दों को आसानी से समझ कर उसका जवाब देने लगा। बाद में वो दोनों और करीब आए और उनके बीच शारीरिक संबंध बना। मार्गरेट ने बताया कि वो पानी में बैठी थीं और उनके पैर अंदर थे। तभी पीटर आया और घुटने के पास लंबे वक्त तक बैठा रहा।

Hustler मैग्जीन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक पीटर मार्गरेट के पास यौन उत्तेजित हो जाता था। जिस पर उन्होंने कई बार उसके साथ संबंध बनाए। उनके लिए भी वो पल बहुत ही कीमती था। जब दोनों संबंध बनाते थे मार्गरेट को ज्यादा कुछ महसूस नहीं होता था, उन्हें सिर्फ खुजली जैसा प्रतीत होता था। कई बार उनके शरीर पर सेक्स के दौरान खरोंचे भी आईं। कुछ दिनों बाद मार्गरेट वहां से चली गई, तो पीटर ने आत्महत्या कर ली। प्रोजेक्ट में शामिल लोगों ने बताया कि डॉल्फिन को सांस लेने के लिए नियमित रूप से सतह पर आना पड़ता है, लेकिन पीटर नहीं आया। ऐसे में साफ हो गया कि उसने खुद जान दी थी।